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उज्जैन महाकुम्भ: ​फिल्म अभिनेत्री ग्रेसी सिंह और ​अयोध्या के स्वामी रामदिनेशाचार्य ने किया मेला का अबलोकन : News from Ujjain Kumbhmela

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फिल्म अभिनेत्री ग्रेसी सिंह ने मेला देखा
कला और अध्यात्म का निकट का सम्बन्ध … फिल्म अभिनेत्री ग्रेसी सिंह  

​​उज्जैन, १६ मई: जानी मानी फिल्म अभिनेत्री ग्रेसी सिंह ने कहा कि उनके अन्दर जो भी कला है, वह परमात्मा की ही देन है। कला और अध्यात्म का परस्पर निकट सम्बन्ध है। यह दोनों ही परमात्मा से जुड़े हुए हैं। जब वह कला का प्रदर्शन करती हैं तो उन्हें ऐसा महसूस होता है कि परमात्मा स्वयं ही उनसे करवा रहे हैं।
सुश्री ग्रेसी सिंह आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सिंहस्थ में दत्त अखाड़ा क्षेत्र में बडऩगर रोड पर लगाए गए सत्यम शिवम सुन्दरम मेले का अवलोकन करने के बाद अपने विचार रख रही थीं। उन्होंने आगे कहा कि मेला देखकर बहुत अच्छा लगा। विशेषकर समुद्र मंथन का दृश्य बहुत ही प्रभावशाली बन पड़ा है। उन्होंने बतलाया कि वह पिछले तीन वर्षों से राजयोग का अभ्यास कर रही हैं। इससे उन्हें परमात्मा की निकटता का अनुभव होता है।

उन्होंने ब्रह्माकुमारी बहनों के त्याग और तपस्या की सराहना करते हुए कहा कि इनसे मिलकर एक नई प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलता है। वह दुनिया भर में अनेक महत्वपूर्ण लोगों से मिल चुकी हैं किन्तु जो दिव्य आभा बहनों के चेहरे में दिखाई देती है, वह उन्हें अन्यत्र और कहीं दिखाई नहीं देती है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमारी जो राजयोग मेडिटेशन की भारतीय संस्कृति सदियों से चली आ रही है, उसे सभी जरूर अपनाएँ। इससे जीवन में खुशी और शान्ति मिलेगी।

प्रेस विज्ञप्ति

​२:
भटकते मनुष्यों को ब्रह्माकुमारी बहनें राह दिखा रही हैं: स्वामी राम दिनेशाचार्य जी

उज्जैन, १६ मई: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सिंहसथ में दत्त अखाड़ा क्षेत्र में बडऩगर रोड पर लगाए गए सत्यम शिवम सुन्दरम मेले का अवलोकन करने के लिए श्री हरिधामपीठ अयोध्या के स्वामी रामदिनेशाचार्य पधारे।


स्वामी रामदिनेशाचार्य ने मेला देखने के बाद कहा कि सूर्य जब सिंह राशि पर स्थित होता है, तब १२ वर्षों के बाद सिंहस्थ होता है। सिंहस्थ में अभी अमृत योग चल रहा है। अमृत सारे विश्व में व्याप्त है। किन्तु मनुष्य अपने दुर्गुणों के कारण अमृतपान नहीं कर पाते। यहाँ महाकाल की नगरी में आकर दुर्गुणों का परित्याग करके अमृतपान करते हैं। ब्रह्माकुमारीज के द्वारा भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में आत्मा और परमात्मा का परिचय देकर संतप्त जीवों को जो कि भटकाव की स्थिति में हैं और पतन की ओर अग्रसर हैं। ऐसे जीवों को परमात्मा से जोडऩे का बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहे हैं। साथ ही सत्यम शिवम सुन्दरम मेले के माध्यम से इस धरती को फिर से सुख शान्ति सम्पन्न बनाने का कार्य ब्रह्माकुमारी बहनें कर रही हैं।

उन्होंने पूरे विश्व को मानवता का सन्देश देते हुए कहा कि परमात्मा एक है। मानवता की सेवा करना आ जाएगा तो परमात्म तत्व का बोध स्वत: आ जाएगा। हम सभी प्राणीमात्र में परमात्मा को देखें तो भेदभाव समाप्त हो जाएगा। संसार से कलह और क्लेष समाप्त हो जाएगा।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने २१ जून को योग दिवस मनाए जाने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि प्राचीनकाल से भारत विश्व का मार्गदर्शन करता आया है। हम सब के लिए गर्व की बात है कि यहाँ के योग को विश्व ने अंगीकार किया है। इसलिए इस दिन को महोत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए।

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LIVE Hamari Sanskriti Hamari Pahchan -Prayagraj | Mahakumbh, 15-2-2025, 03.00pm

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LIVE किसान सम्मेलनसनातन कृषि संस्कृति स्वर्णिम भारत का आधार | प्रयागराज | महाकुम्भा | 14-02-2025,2pm& 3pm

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Live Samadhan By BK Surahbhai | Prayagraj, Kumbhmela 07-02-2025 at 10:30AM

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